विधि: शनिवार को जी स्त्री मरजाये उसके पेरके अगले अंगारेकी समशानमेसे राख़ लाइए। और चार रास्ते की धूललेके सातबार मंत्र पढ़के जिसको लगनेमे आए वह तुरंत ही वशीभूत हो जाता हे। वह उसी समय अपने वशमे आ जाता हे।
वशीकरण धूलि मंत्र २
मंत्र: धूल धूल तुं धूलकी राजा मनमोहनी सुन मोर बानी- जलसे धूला आन पढूं, यत्न पारवती वरदान, धूलि पढ़ी दू अमुकी अंग जो चलती आती उमंग उसका मन लावे निकार, हमरी वश्यता करे स्वीकार।
विधि: रविवार के दिन स्त्री के दाये पैर की धूल निचेकी धूल लेके तीन बार उक्त मानर पढ़कर जिस पर भी डालने मे आए वह तुरंत वश हो जाता हे।
नोध: होली के दिन १०८ बार मंत्र जपके सिद्ध करना होगा।
वशीकरण धूलि मंत्र 3
मंत्र: ॐ नमः धूलि धूलेश्वरी मातु परमेश्वरी चंचती जय जयकार इनारन चोप भरे छार छाए देता घर बाद मारे तो मसान लोटे, जीवै तो पांव लोटे बचन बांधी, अमुकि की धाई लाव मा तू धूलेश्वरी स्फूरों मंत्र ईश्वरी वाचा। ठः ठः ठः स्वाहा।
विधि: प्रथम सात शनिवार करे, प्रत्येक शनिवार को १४४ उक्त मंत्र जपने से वह सिद्ध होगा। बादमे जब कोई भी स्त्रीका शनिवारकों मृत्यु हो तो उसकी तीन चुटकी राख़ रखले। और चार राश्ते (चौराहे) की धूल उसमे मिला दों। फिर जब किसिकों वश करना हो तब उस धूल को सात बार अभिमंत्रि करके उस पर दाल दो। वह तुरंत ही कुछ ही मिनट मे वशीभूत हो जाएगा। यह प्रयोग से जिसके ऊपर भी वशीकरण करोगे वह व्यक्ति तुरंत ही तुम्हारे साथ ही चलेगा। इसलिए सभालके यह प्रयोग ईस्टमाल कीजिये। पशु-पक्षी पर भी यह मंत्र आजमाके देखो। वह आपके पीछे पीछे आएगे। यह मेरा स्व-अनुभव किया हुआ प्रयोग हे।
याद रखे जो यह बताएगए प्रयोग बूरेके लिए इस्तमाल करेगा उसका सचमे बूरा ही होगा। मेरी नम्र विनंती हे की यह बताए गए मंत्र को किसीअच्छे कामके लिए ही प्रयोग करे।
माँ भगवती आप सब की हर मनोकामना पूर्ण करे।